chapati-jowar-leaf

Jowar aata Benifit in Hindi

आयुर्वेद के अनुसार ज्वार का आटा में लघु (मिलेट्स) के गुण पाया जाता हैं। जिसका मतलब यह पचने मे हल्का होता है। और ज्वार में रुक्ष गुण पाया जाता है जिसका मतलब इसमें रूखापन है। ज्वार शीत तासीर की होती है। ज्वार के आटे को लोगों के पेट में अग्निमाध्य कमजोर होने पर किया जाता है। यह कफ और पित्त को कम करने का काम करता है। यह ग्रीष्म और शरद ऋतु में खाने के लिए सर्वोत्तम आटा है। विशेषतः इसे शाम के खाने में इस्तेमाल करना सभी के लिए बहुत लाभकारी होता है।

ज्वार आटा के फायदे

जवार का आटा ग्लूटेन फ्री होता है जिसका मतलब यह शरीर के लिए सर्वोत्तम आटा है। ज्वार का आटा शीत तासीर होने के कारण वह साथ ही हल्का होने के कारण हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह बहुत ही अच्छा फाइबर का स्रोत होता है जो कि हमारे पाचन तंत्र व शरीर की शारीरिक गतिविधियों के लिए बहुत अच्छा है।

प्रोटीन से भरपूर

ज्वार प्रोटीन से भरपूर होती है। इसके एक कप आटे में 22 ग्राम प्रोटीन होता है। इसलिए ज्वार के आटे का सेवन हमारे शरीर की प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करने का काम करता है।यह हमारे शरीर के ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में काफी कारगर होता है।

पाचन तंत्र के लिए सहायक

जवाहर के आटे का सेवन हमारी पाचन तंत्र के लिए बहुत ही अच्छा प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो कि हमारे पेट की भूख को पूरी करता है। यह हल्का होने के साथ ही लो कैलोरी युक्त भोजन होता है जो कि पचने में सहायक होता है। यह कब्ज को नियंत्रण करने में भी सहायक होता है।

वजन घटाने में सहायक

ज्वार के आटे में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है इसलिए आटे का सेवन भी हमारे लिए बहुत फायदेमंद होता है। जिन लोगों में मोटापा, वजन बढ़ा हुआ है या कोलेस्ट्रॉल/डायबिटीज की मात्रा अधिक हो चुकी है या फैटी लीवर है उन लोगों को ज्वार के आटे का उपयोग करने की सलाह दी जाती है जिसमें यह बहुत सहायता प्रदान करता है। विशेषतः वो लोग जो वजन कम करना चाहते हैं या डाइटिंग करना चाहते हैं उनके लिए ज्वार के आटे की रोटी सबसे अच्छा भोजन है।

कैंसर रोकने में सहायक

जवार का आटा हमारे शरीर में होने वाले कैंसर के विरुद्ध लड़ने का कार्य करता है। इसमें अनेकों मुक्त मौलिक एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो की कैंसर या उससे होने वाली बीमारियां रोकने में सहायक है।

कब्ज में सहायक

जिन लोगों में कब्जी से जुड़ी समस्याएं होती है उन लोगों में मल त्यागने से संबंधित सभी समस्याएं का समाधान करने के लिए दूसरे आटे को छोड़कर ज्वार के आटे का सेवन इन्हें ठीक कर सकता है।

ब्लड शुगर लेवल में सहायक

ज्वार के आटे की रोटी को छाछ के साथ खाने से यह हमारे ब्लड शुगर लेवल को काफी हद तक नियंत्रित करने में सहायक होता है।

हड्डियां मजबूत करने में सहायक

जवार मैं बहुत ही अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम, कापर और कैल्शियम होते हैं यह हमारे शरीर में हड्डियों को मजबूत रखने का काम करते हैं। और शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाते हैं। साथ यह मसल्स को भी बढ़ाने का कार्य करता है।

इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक

ज्वार में आयरन की मात्रा शामिल होती है जिससे हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है। इस तरह ज्वार के आटे का सेवन हमारे शरीर की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने का काम करता है।

एनीमिया में सहायक

जब हमारे शरीर में एनीमिया हो जाता है मतलब खून की कमी हो जाती है उस समय ज्वार के आटे का सेवन हमारे शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। रक्त कोशिकाओं को पूर्ण रूप से सुचारू कार्य करने में मदद करता है।

अन्य फायदे

जिन लोगों के शरीर में ब्लॉकेज (Atherosclerosis) मतलब कुछ भागों में रक्त का बंद होना है उस बीमारी में उन्हें हृदय संबंधित और अन्य कई प्रकार की बीमारियां हो जाती है। उस स्थिति में ज्वार के आटे का सेवन हमारे लिए संजीवनी की तरह कार्य करता है।

जिन लोगों को डायबिटीज है उन लोगों द्वारा ज्वार के आटे का सेवन डायबिटीज को नियंत्रित करता है।

ज्वार के आटे का सेवन हमारे शरीर के रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है।

ज्वार के आटे का सेवन हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है और हमारे शरीर का कार्डियो सर्कल सही रखता है।

किसे परहेज करनी चाहिए

जिन लोगों के शरीर में पहले से ही रुक्ष या रूखापन बढ़ा हुआ है वह लोग इस आटे का सेवन कम करें।

जिन लोगों की स्कीन रुखी हुई है उन्हें इस आटे का सेवन संभलकर करना चाहिए।

जिन लोगों को वात रोग संबंधी बीमारियां हैं उन्हें भी इस आटे का संभलकर उपयोग करना चाहिए।

अत्यधिक मात्रा में सेवन कुछ मात्रा में पेट दर्द का कारण हो सकता है। इसलिए रोज-रोज इसका सेवन भी उचित नहीं है।

FAQ Section

जवाहर के अनेकों फायदे होने के कारण इसे खाने से जुड़े कुछ रोचक प्रश्न जिनके बारे में जानकर आप सभी समस्याएं दूर कर सकते हैं।

ज्वार को कैसे खाया जा सकता है?

Ans: ज्वार को पीसकर उसके आटे की रोटियां बना कर इसे खाया जा सकता है। साथ ही ज्वार का दलिया रबड़ी भी बनाई जाती है जिसे खाकर ज्वार के गुणों का फायदा उठाया जा सकता है।

ज्वार में कौन-कौन से तत्व शामिल होते हैं?

Ans: ज्वार में भरपूर मात्रा में एनर्जी होती है साथ ही ज्वार आटे में फाइबर, प्रोटीन, शुगर, कैल्शियम आयरन, कोपर, कार्बोहाइड्रेट, जिंक, फास्फोरस, पोटेशियम इत्यादि तत्व शामिल होते हैं।

ज्वार को कैसे कैसे खाया जा सकता है ?

Ans: जवार को पीसकर उसके आटे के रूप में खाया जा सकता है। जवाहर को भूनकर भी खाया जाता है। साथ ही ज्वार की रबड़ी और ज्वार का दलिया भी बनाकर खाया जाता है।

ज्वार आटे से रोटियां कैसे बनाएं ?

Ans: ज्वार के आटे की रोटियां बनाने के लिए सबसे पहले कढ़ाई में पानी को गर्म किया जाता है फिर उसमें नमक मिलाकर धीरे धीरे आटा डालकर अच्छे से मिलाया जाता है और कुछ समय पकने दिया जाता है। फिर ठंडा होने के बाद आटे को अच्छे से गोंद लिया जाता है और तवे पर सेककर रोटियां बनाई जाती है।

ज्वार का आटा कैसे खरीदें ?

Ans: बाजार में अनेकों प्रकार के सवार के आटे मिलते हैं जिनमें पतंजलि ग्लूटेन फ्री ज्वार आटा आशीर्वाद आटा जैसे प्रोडक्ट उपलब्ध है। यह ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार आसानी से मिल जाता है।

ज्वार आटा और गेहूं आटा में क्या अंतर है ?

Ans: ज्वार आटा हल्का होता है तथा इसकी शीत तासीर का होता है। जोकि पचने में सरल और अनेक गुणों से भरपूर होता है। जबकि गेहूं का आटा भारी होता है और गर्म तासीर का होता है इससे शरीर में अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा मिलती है यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन से भरपूर होता है।

निष्कर्ष

ज्वार के आटे को हमारे भोजन प्रणाली में शामिल करना एक बहुत उपयोगी काम है। यह प्रोटीन और अनेक तत्वों से भरपूर होता है। जोकि शरीर में पचने व अनेक बीमारियों को ठीक करने में काम करता है। अन्य आटे की अपेक्षा यह आटा हमारे भोजन और पाचन में सबसे अच्छा रहता है। इस प्रकार सभी प्रकार के आटे को समय समय पर बदल कर खाना चाहिए । यह आटा पूरे परिवार के लिए बहुत फायदेमंद होता है इसलिए इसे सप्ताह के भीतर दो से तीन बार जरूर ही लेना चाहिए।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *