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Horse Gram Benifits | कुत्थी दाल के फायदे

हॉर्स ग्राम का अर्थ कुत्थी दाल से है। कुत्थी दाल का नाम हॉर्स ग्राम इसलिए पड़ा क्योंकि इससे पशुओं और जानवरों के लिए अत्यधिक उपयोग किया जाता था। आयुर्वेद के अनुसार इसका उपयोग अनेकों प्रकार से फायदे करता है । इस दाल का रंग हल्का भूरा होता है। इस दल के दानों का आकार छोटा, पतला और गोल होता है। इसका सर्वाधिक उत्पादन दक्षिण भारत में किया जाता है जिनमें कर्नाटक आंध्र प्रदेश उड़ीसा तमिलनाडु छत्तीसगढ़ प्रमुख राज्य है। कुत्थी दाल पोषण तत्वों से भरपूर दाल है तथा इसके चिकित्सकीय गुणों के कारण यह अत्यंत लाभकारी दाल होती है।

कुलथी दाल के फायदे

यह दाल औषधीय और चिकित्सकीय गुणों से भरपूर होने के कारण इसके अनेक बीमारियों के उपचार में कई फायदे हैं। इस दाल को में अपनाकर बहुत सी बीमारियों के बचाव और उनके लक्षणों को कम करने में मददगार हो जाती है।

पथरी मिटाने के लिए

पथरी यानी किडनी स्टोन की बीमारी होने पर हॉर्स ग्राम यानी कुलथी दाल का उपयोग एक चमत्कारी प्रयोग सिद्ध हो सकता है। कुलथी दाल में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट और शरीर से गंदगी बाहर निकालने के गुणों से भरपूर होती है। इसका सेवन दाल बना कर खाने और इसको भिगोकर रखने के पश्चात इसका पानी पीने में किया जाता है। कुलथी दाल मूत्र के साथ पथरी को गला कर निकालने की क्षमता रखती है जिससे प्रारंभिक रूप में पथरी जमा होने पर आसानी से निकाली जा सकती है। इस तरह कुलथी दाल पथरी को निकालने में सहायक होती है।

वजन घटाने में सहायक

कुलथी दाल में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। फाइबर वजन घटाने में सहायक होता है यह भूख को नियंत्रित करता है जिसके कारण अत्यधिक भोजन नहीं करना पड़ता। इस दाल के सेवन से फाइबर पर्याप्त मात्रा में मिलता है और भोजन की पूर्ति करता है। जिसके कारण मोटापा कम होता है और वजन कम होता है।

त्वचा निखारने व स्वस्थ रखने में

कुलथी की दाल में फ्लेवोनॉयड पाया जाता है जिसके कारण त्वचा सूर्य की पराबैंगनी किरणों से सुरक्षित रहती है। कुलथी दाल को पीसकर लाल चकत्ते फोड़े फुंसियों पर लेप लगाने से यह खत्म हो जाते हैं । साथ ही यह त्वचा संबंधी रोगों को दूर करने में भी सहायक होती है और सौंदर्य बढ़ाने का काम करती है।

पाइल्स की समस्या दूर करने में

कुलथी दाल को भिगो कर उसका पानी पीना या कच्चे दाल खाने से पाइल्स की समस्या के इलाज में किया जाता है। साथ ही कुलथी दाल का जूस का सेवन भी कर सकते हैं। इस दाल का पेस्ट बनाकर बवासीर के मस्सों पर लगाकर उन्हें मिटाया जा सकता है।

पेट संबंधी समस्याओं के इलाज में

पेट मैं होने वाली समस्याओं जैसे- पाचन, एसिडिटी, पेट फूलना या आंतों के कीड़ों से संबंधित समस्याओं के निपटारे हेतु कुलथी दाल का उपयोग करना चाहिए । कुलथी की दाल का सेवन करने से पेट संबंधी बीमारियां काफी हद तक दूर की जाती है। इस दाल में उपस्थित फाइबर के कारण यह वजन घटाने और स्वस्थ शरीर रखने में सहायक है।

अन्य रोगों में

  • इस डाल के सेवन से हृदय रोग कम होते हैं।
  • यह दाल बाबासीर को मिटाने में सहायक है।
  • यह दाल पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक है।
  • यह दाल सर्दी जुखाम से निपटने में सहायक है।
  • यह दाल अनियमित महावारी के समय मददगार है।
  • यह दाल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है।
  • यह डायरिया तथा अल्सर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में ली जाती है।

कुलथी दाल का सेवन कैसे करें

अन्य दलों की तरह ही इस हॉर्स ग्राम या कुलथी दाल को बनाकर भोजन में खाया जाता है। साथ ही इस दाल को रात भर भिगोकर सुबह उस दाल का पानी भी दिया जाता है। इस दाल को पीसकर इसका पाउडर और पेस्ट बनाकर भी कई प्रकार के उपचार में किया जाता है।

कुलथी दाल के नुकसान

कुलथी दाल एक पौष्टिक आहार है किंतु इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है जैसे ब्लीडिंग। इस दाल की तासीर गर्म होती है जिसका कारण इसका उपयोग सीमित ही करना चाहिए। गर्म तासीर के कारण इस दाल को गर्मी के दिनों में कम खाना चाहिए और से मौसम में पर्याप्त मात्रा में खाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इस का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए। किसी विशेष प्रकार के रोग का इलाज करा रहे लोगों को इस दाल का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर लेना चाहिए।

FAQ Section

कुलथी दाल से जुड़े कुछ रोचक प्रश्नों के बारे में विस्तार पूर्वक जानने का प्रयास करते हैं-

कुलथी दाल का आयुर्वेद में क्या महत्व है?

आयुर्वेद के अनुसार कुलथी दाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में खाए जाने वाला व्यंजन है। इस दाल का सेवन अनेकों प्रकार की बीमारियों से लड़ने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है साथ ही यह हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत बनाता है। चरक संहिता में भी इसके औषधीय गुणों का वर्णन है और अन्य कहीं लेखों में कुलथी दाल का वर्णन किया जाता है।

कुलथी दाल को कब खाना चाहिए ?

वैसे तो कुलथी दाल को भोजन के साथ खाना चाहिए किंतु बीमारियों में इसका विशेष उपयोग हमें सुरक्षा प्रदान करता है। इस दाल का नित्य सेवन ठीक नहीं रहता किंतु कभी-कभी एक समय अंतराल बाद इस दाल को खाने के कई फायदे मिलते हैं।

कुलथी दाल से किन किन बीमारियों में स्वास्थ्य लाभ मिलता है?

कुलथी दाल से डायबिटीज, मोटापा, हार्ट, कोलेस्ट्रोल, सर्दी बुखार, कब्ज आदि कई बीमारियों में स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

निष्कर्ष

कुलथी दाल एक अच्छा ऊर्जा का स्त्रोत है जिसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन का संयोग होता है। यह सभी पोषक तत्व हमें एक ही दाल से मिलने के कारण यह बहुत उपयोगी होती है। यह दाल स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ कई बीमारियों के इलाज निस्तारण में भी सहयोग करती है। यह औषधीय गुणों से भरपूर दाल हमें अपने भोजन में जरूर अपने नहीं चाहिए तथा इसका सेवन सही तरीके से करना चाहिए।

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