मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय
हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कविमुंशी प्रेमचंद का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी के पास में लहमी गांव में हुआ।मुंशी प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था । उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को हुआ था। प्रेमचंद्र एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से थे। उनके पिता डाकघर में डाकघर में मुंशी का काम करते थे । मात्र 8 वर्ष की उम्र में प्रेमचंद की माता की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी। जिसके पश्चात उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। जिस कारण बचपन में मुंशी प्रेमचंद के साथ सौतेली मां द्वारा बुरा बर्ताव किया जाता था इस कारण उन्हें पिता का प्यार भी नहीं मिला। मात्र 15 वर्ष की उम्र में मुंशी प्रेमचंद्र का विवाह एक महिला से करा दिया गया था। विवाह ज्यादा समय टिक ना सका और कुछ समय पश्चात उनका पत्नी से झगड़ा हो गया और तलाक हो गया। परिवार की आर्थिक तंगी के कारण प्रेमचंद को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। फिर कुछ वर्षों उपरांत 1905 में प्रेमचंद ने एक जमीदार की बेटी शेरवानी देवी से दूसरी बार शादी की जिसके पश्चात उनकी आर्थिक स्थिति में परिवर्तन हुआ।
प्रेमचंद की शिक्षा
मुंशी प्रेमचंद ने अपनी आर्थिक स्थिति कमजोर होते हुए भी अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। आर्थिक तंगी के कारण मुंशी प्रेमचंद आगे की पढ़ाई करना चाहते थे किंतु उन्होंने कुछ कार्य करके पैसा कमाना शुरू किया। उसके बाद शिक्षक का कार्य किया। सन 1910 में प्रेमचंद ने उत्तर मैट्रिक की शिक्षा पूरी। 1910 से 1919 तक प्रेमचंद ने अंग्रेजी, फारसी, हिंदी, उर्दू जैसी भाषा का ज्ञान लिया और इतिहास में बीए की डिग्री पूर्ण की।
प्रेमचंद का साहित्यिक परिचय
मुंशी प्रेमचंद का साहित्य लेखन की शुरुआत 1901 से हुई थी। प्रारंभ में प्रेमचंद नवाब राय के नाम से उर्दू में लेखन कार्य किया करते थे जिसमें उनकी पहली रचना उर्दू में ‘असरारे मआबिद’ नाम से थी। जिसका जिक्र उन्होंने अपनी ‘पहली रचना’ नामक लेखक ने किया है। ।
मुंशी प्रेमचंद का हिंदी में पहला उपन्यास सेवासदन प्रकाशित हुआ। जिसकी अत्यधिक लोकप्रियता के कारण प्रेमचंद हिंदी में कथाकार बन गए। जिसके कारण उन्होंने हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में लेखन का कार्य किया।
मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां मे अंधेर दो बैलों की कथा, ईदगाह, नरक का मार्ग, निर्वासन, पेपूजी पूस की रात, ममता, मां, माता का हृदय, मिलाप, स्वर्ग की देवी, वासना की कड़ियां, विजय, स्वर्ग की देवी, स्वांग, सोहाग का शव प्रमुख है। मुंशी प्रेमचंद के प्रसिद्ध उपन्यासों में सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, कायाकल्प, प्रतिज्ञा, गबन, कर्मभूमि, गोदान, मंगलसूत्र है। मुंशी प्रेमचंद के प्रमुख नाटक संग्रह में कर्बला, संग्राम, प्रेम की वेदी, रूठी रानी है।
महात्मा गांधी द्वारा 1920 में चले असहयोग आंदोलन के दौरान मुंशी प्रेमचंद ने अग्नि सरकारी अध्यापक की नौकरी छोड़ दी थी और गांधी जी के साथ शामिल हो गए थे। जिसके पश्चात मुंशी प्रेमचंद लेखन का कार्य करते रहे और अपने पुस्तकें प्रकाशित की।
FAQ
Q. मुंशी प्रेमचंद की कहानियां और उपन्यास का संग्रह कौन सा है
Ans: मुंशी प्रेमचंद की कहानियां मानसरोवर भाग-1 मैं लिखी गई है।
Q. मुंशी प्रेमचंद की मृत्यु कब और कहां हुई?
Ans: मुंशी प्रेमचंद की मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 (56 वर्ष आयु) में वाराणसी में हुई थी।
Q. मुंशी प्रेमचंद की मृत्यु का क्या कारण था?
Ans: सन 1936 में मुंशी प्रेमचंद के बीमार रहने और सही समय पर उपचार न मिलने से उनकी मौत हो गई।
Q. मुंशी प्रेमचंद ने स्नातक शिक्षा कहां से कहां से पूरी करी ?
Ans: मुंशी प्रेमचंद ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री पूरी की
Q. प्रेमचंद ने नाम कैसे बदला?
Ans: प्रेमचंद ने उर्दू लेखन में अपना नाम ‘नवाब राय’ से बदलकर, हिंदी लेखन में प्रेमचंद रख लिया था।