Teachers Day। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन Teachers Day (शिक्षक दिवस) के रूप में मनाया जाता है । डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले के तिरुत्तनी गांव में हुआ था। तिरुत्तनी में ही प्राथमिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद चेन्नई के क्रिस्चियन कॉलेज से फिलॉसफी में m.a. की डिग्री पूरी की। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय दर्शन संस्कृति और वैदिक ज्ञान में बहुत रूचि रखते थे। 1909 में चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दर्शन शास्त्र के प्राध्यापक रह चुके हैं। इसके बाद मैसूर यूनिवर्सिटी और कोलकाता यूनिवर्सिटी मैं काफी समय तक प्रोफेसर का कार्यभार संभाला। इस दौरान दुनिया भर में उनके ज्ञान का डंका बजा।1931 में आंध्रा युनिवर्सिटी और 1939 में वाराणसी हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के वाइस चांसलर पद पर रहे। 1949? में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। उस समय देश में शिक्षा के विकास को लेकर काफी योगदान हुआ। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा लिखी गई किताबें दुनिया भर में प्रसिद्ध हुई जिनमें राधाकृष्णन इंडियन फिलोसोफी जैसी प्रमुख किताबें हैं।
भारत आजाद होने के बाद डॉ राधाकृष्णन को संघ में भारत का राजदूत बनाकर भेजा गया। उसके बाद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 10 वर्ष तक भारत के उपराष्ट्रपति का पद सौंपा गया। इस दौरान संसद के दूसरे सदन राज्यसभा का जन्म हुआ। 1954 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा उन्हें भारत रत्न प्रदान किया गया। 1962 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति के लिए निर्वाचित किए गए। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति चुने गए। एक शिक्षक को इस तरह का सम्मान मिलना केवल भारत में ही संभव है। इसी वजह से डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचार
“एक साहित्यिक प्रतिभा, कहा जाता है कि हर एक की तरह दिखती है, लेकिन उस जैसा कोई नहीं दिखता.”
“हमें मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए जहाँ से अनुशाशन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो”
“किताब पढना हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी देता है.”
“केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है. स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है.”
“पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं.”
“कला मानवीय आत्मा की गहरी मरतों को उजागर करती है. कला तभी संभव है जब स्वर्ग धरती को हुए.”
“लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है”
“कहते हैं कि धर्म के बिना इंसान लगाम के बिना घोड़े की तरह है.”
Q.शिक्षक दिवस क्या है?
Ans:जिस तरह डॉक्टर्स डे, इंजिनियर्स डे, मदर डे मनाया जाता है उसी तरह टीचर्स डे (शिक्षक दिवस) भी मनाया जाता है। शिक्षक दिवस शिक्षक(अध्यापक) के सम्मान में मनाए जाने वाला दिन होता है। संपूर्ण विश्व में यह दिन अलग-अलग तारीख को पर मनाया जाता है।
Q.शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?
Ans:विद्यालयों में शिक्षकों का सम्मान किया जाता है और उनका आदर सत्कार व पुरस्कार दिए जाते हैं। बच्चों द्वारा शिक्षकों को उपहार दिए जाते हैं।
Q.डॉं सर्वपल्ली राधाकृष्णन का राष्ट्रपति कब बने ?
Ans:डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन 13 मई 1962 से 13 मई 1987 तक भारत के राष्ट्रपति रहे।
Q.डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन कितनी बार राष्ट्रपति रहे?
Ans:डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन दो बार भारत के उपराष्ट्रपति और एक बार भारत के राष्ट्रपति पद पर रहे हैं।
Q.डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु कब हुई?
Ans:डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु और 17 अप्रैल 1975 को हुई।
Q.डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता पिता का नाम क्या है?
Ans:डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पिता का नाम सर्वपल्ली वीर स्वामी और माता का नाम सीताम्मा था।
Q.Teachers Day शिक्षक दिवस की शुरुआत कब हुई?
Ans:5 सितंबर 1962 से प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
Q.अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
Ans:अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। पहली बार अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 1957 में मनाया गया।